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गुरुवार, 25 नवंबर 2021

क्या हासिल कर लिए तुम

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मुहब्बत में चोट दे कर 
क्या हासिल कर लिए तुम, 
अपने दिल में झाँक जालिम
क्या हासिल कर लिए तुम, 
बेवफाई का घाव दे कर मुझे 
क्या हासिल कर लिए तुम।
        ©️ मनोजकुमार

रविवार, 21 फ़रवरी 2021

लाख टके की बात



पहले चाँदी के चम्मच होते थे
आजकल चमचों की चाँदी है। 

पहले घर की मुर्गी दाल बराबर होती थी 
अब 1 किलो दाल से 3किलो मुर्गी मिलती है। 

कुछ लोग नेताओं की चापलूसी को देश प्रेम 
और सच बोलने को गद्दारी समझ बैठे हैं।


तुम्हें सुंदरता से प्रेम है तो
तुम जरूर एक अच्छे इंसान हो
इसका मतलब यह नहीं कि
तुम कमजोरों पर जुल्म करो

©️ मनोज कुमार 

नफरती चाटुकार

             नफरती चाटुकार  चारों ओर नफ़रती अनगिनत  कुछ कवि - कलाकार -डरपोक बन कर चाटुकार बांट रहे हैं हिंसा औ नफ़रत हर बार। राजनेता के चर...