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बुधवार, 20 दिसंबर 2023

तू न कर घमंड

        तू न कर घमंड 

न कर घमंड कभी
तू न कर घमंड
न जाने कितने सूरज 
तबाह हुए हैं अब तक
सूख गए हैं समंदर
बिखर गए हैं उत्तुंग शिखर
बूझ गए हैं तारे
तो तू क्या चीज़ है
कमजोर इंसान ?
मुट्ठी भर धन

रत्ती भर ज्ञान
दो दिनों के सौंदर्य
मुट्ठी भर लोग 
यही तो है तेरे पास
तो फिर इतना गुरूर !

यीशु-ईश्वर-बुद्ध-नानक
काल से परे नहीं
हस्तियां मिट गईं है कइयों की
तू तो रेत का कण है
न कर घमंड कभी
तू न कर घमंड।

©️ मनोजकुमार 




पत्नी

पत्नी परिवार को संवारती है
पति का सहारा हौसला है
बच्चों की मां, पति की गाइड है

©️ मनोज कुमार 



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