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मंगलवार, 15 नवंबर 2022

जय झांसी वाली रानी की। ©️ मनोजकुमार साहु

तलवारें जब खुलती थी म्यान से
शत्रु हाथ धोता था जान से
वीरगति मिली तुम्हें शान से
चरण धूलि को तेरी नमन मान से
शत्रु की खोपड़ी टूटती
 जिनके पदाघात से
स्वतंत्रता की ज्वाला फूटती
      उनकी रण हूंकार से

काँप उठती थी सेना
 फिरंगिओं की
सुन लेने भर से
जय झांसी वाली रानी की
जय झांसी वाली रानी की
जयघोष करो शान से 
               ***
©️ मनोजकुमार साहु 

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