शत्रु हाथ धोता था जान से
वीरगति मिली तुम्हें शान से
चरण धूलि को तेरी नमन मान से
जिनके पदाघात से
स्वतंत्रता की ज्वाला फूटती
उनकी रण हूंकार से
काँप उठती थी सेना
फिरंगिओं की
सुन लेने भर से
जय झांसी वाली रानी की
जय झांसी वाली रानी की
जयघोष करो शान से
***
©️ मनोजकुमार साहु
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