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शनिवार, 20 अप्रैल 2019

सलाम


              ● सलाम ● 

                          कवि मनोजकुमार साहु 


   घूमता है तेरा बेटा हाथ में लिए कफन 
   करता है शाम - ओ - सहर तेरा ही वंदन
   सच्चाई की राह पर चलने वालों को सलाम 
   तेरा बेटा किसानों को सलाम 
   तेरे लिए बलिदान को सदा हम तैयार 
   करते हैं तेरे कण-कण को सलाम
   मेरी माता पूज्य माता भारत माता सलाम 
   हर युग में जनम लेकर बार-बार 
   बनके गांधी सुभाष देंगे बलिदान 
   बॉर्डर पर खड़े जवान को सलाम
   खून देकर रखेंगे हम हमेशा तेरा मान 
   माता तुझे सलाम कोटि-कोटि सलाम 
   मेरी माता - पूज्य माता - 
   भारत माता सलाम
                          --●--

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