● सलाम ●
कवि मनोजकुमार साहु
घूमता है तेरा बेटा हाथ में लिए कफन
करता है शाम - ओ - सहर तेरा ही वंदन
सच्चाई की राह पर चलने वालों को सलाम
तेरा बेटा किसानों को सलाम
तेरे लिए बलिदान को सदा हम तैयार
करते हैं तेरे कण-कण को सलाम
मेरी माता पूज्य माता भारत माता सलाम
हर युग में जनम लेकर बार-बार
बनके गांधी सुभाष देंगे बलिदान
बॉर्डर पर खड़े जवान को सलाम
खून देकर रखेंगे हम हमेशा तेरा मान
माता तुझे सलाम कोटि-कोटि सलाम
मेरी माता - पूज्य माता -
भारत माता सलाम
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