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रविवार, 16 अक्टूबर 2022

हौसला ©️ मनोजकुमार साहु

         हौसला

कर हौसला बुलंद तो
चट्टान भी तेरे आगे झुकेगा
फौलाद - ए - दम भी
आदाब अर्ज़ आदाब अर्ज़ चीखेगा।
                   ***
                 मुकाम

तू कर ऐसा मुकाम हासिल
जहाँ से गुजरे काफिला बन जाए
                  ***
            पहला प्यार

आज भी मुझे याद है
मेरा पहला प्यार
पहला ही आखरी है
जिंदगी का एक ही पन्ना है
एक ही दिल है
जिसमें तू ही अकेली है
          ***
    इल्म ए इंसानियत

जब से आई है जिंदगी में तू
इबादतगाह जाना बंद कर दिया
इल्म ए इंसानियत प्यार है
जो तूने सिखा दिया
         ***
         मैं तेरा हो गया

मेरी जिंदगी में था अंधियारा
कई नाज़नीनों का मैं हो चुका था
जब आवाज दे दी तूने
मैं तेरा ही हो गया
       ***
       फूल से मोहब्बत

मैं फूलों को पसंद किया करता था
हाथों से मसला करता था
जब हुआ मोहब्बत फूल से
तब डाली से दीदार करने लगा
              ***
          परिचय

खद को कर बुलंद इतना कि
दुनिया तुम्हारा परिचय दे



     ©️ मनोज कुमार साहु 

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