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बुधवार, 9 अगस्त 2023

तोहफे

वो दिए हैं बहुत तोहफे
मैं और बर्दाश्त के काबिल नहीं
जो दिल में हैं उसे रखो दिल में
चढ़ा देना उसे मेरे
सुपुर्द ए खाक के दिन
मेरी कर्ब पर शौक़ से।

©️ मनोजकुमार साहु

मज़ा

नदी में तैरने का मजा तो है
समंदर में तैरने का मजा बहत है
जब महबूबा हो सामने 
शायरी में दिल जलाने का मजा बहत है।

©️ मनोजकुमार साहु

मंगलवार, 8 अगस्त 2023

मौत की दुआ

हम उनसे मिन्नतें करते हैं 
हमारी मौत की भी दुआ कर दीजिए

जो थे कल तलक हमारे सबसे अजीज
उन्ही के तडप से निजात पाना चाहते हैं।
©️ मनोजकुमार साहु 

शनिवार, 5 अगस्त 2023

नजदीक तो आ ज़रा

नजदीक तो आ ज़रा
तुझे देख लूं जी भर के
मुझे यकीन है तुझे यकीं है
तेरे लिए हर लम्हा तड़पता हूं मैं।
       ©️ मनोजकुमार साहु 

ढोंग करना सीखो

कोई अगर हो सच्चे
तो अच्छा इंसान हो नहीं सकता
क्योंकि उस में 
कई खामियां हैं।
वो करता हो गुस्सा तो 
मुंह में हंसी का ढोंग करना सीखे
सब ढोंगी को सराहते हैं।
कोई अगर हो लंपट
कोई अगर हो चोर
कोई अगर हो चरित्रहीन
तो उसे ढोंग की परदादारी
करना पड़ता है 

©️ मनोजकुमार साहु 




गुरुवार, 3 अगस्त 2023

ज़िंदा हूं

तेरे लौटने के आसरे जिंदा हूं
तेरी बेवफ़ाई को 
वफ़ा में बदलने के आसरे जिंदा हूं
ये जनम नहीं
तेरे सातो जनम इंतज़ार कर 
तुझे पाने के आसरे जिंदा हूं ।
       ©️ मनोजकुमार साहु

रफ़ाकत

ये कमसिनी !
ये कमसिनी !
न बढ़ा मेरे साथ रफ़ाकत
नहीं तो बदनाम हो जाएगी
मैं बदनाम हो जाऊं ज़हान में
कोई फर्क नहीं।
तेरा इश्क़ सच्चा है
बस इक फ़क़त है
तेरा दामन बचा रहे ।।
               ©️ मनोजकुमार साहु



जबां दिल

मेरा दिल इतना जबां क्यों है ?
मेरा दिल इतना जबां क्यों है ?
मैंने बिता लिए हैं उम्र
कई बरस जिंदगी के
मैंने बिता लिए हैं उम्र
कई बरस जिंदगी के

अफसोस बस इतना

नहीं मिला है अबतक
कोई मुझे समझने के लिए।
        ©️ मनोज कुमार

नफरती चाटुकार

             नफरती चाटुकार  चारों ओर नफ़रती अनगिनत  कुछ कवि - कलाकार -डरपोक बन कर चाटुकार बांट रहे हैं हिंसा औ नफ़रत हर बार। राजनेता के चर...