ये कमसिनी !
न बढ़ा मेरे साथ रफ़ाकत
नहीं तो बदनाम हो जाएगी
मैं बदनाम हो जाऊं ज़हान में
कोई फर्क नहीं।
तेरा इश्क़ सच्चा है
बस इक फ़क़त है
तेरा दामन बचा रहे ।।
©️ मनोजकुमार साहु
नफरती चाटुकार चारों ओर नफ़रती अनगिनत कुछ कवि - कलाकार -डरपोक बन कर चाटुकार बांट रहे हैं हिंसा औ नफ़रत हर बार। राजनेता के चर...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें