नदी में तैरने का मजा तो है
समंदर में तैरने का मजा बहत है
जब महबूबा हो सामने
शायरी में दिल जलाने का मजा बहत है।
©️ मनोजकुमार साहु
नफरती चाटुकार चारों ओर नफ़रती अनगिनत कुछ कवि - कलाकार -डरपोक बन कर चाटुकार बांट रहे हैं हिंसा औ नफ़रत हर बार। राजनेता के चर...
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