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गुरुवार, 3 अगस्त 2023

ज़िंदा हूं

तेरे लौटने के आसरे जिंदा हूं
तेरी बेवफ़ाई को 
वफ़ा में बदलने के आसरे जिंदा हूं
ये जनम नहीं
तेरे सातो जनम इंतज़ार कर 
तुझे पाने के आसरे जिंदा हूं ।
       ©️ मनोजकुमार साहु

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