कवि मनोज कुमार साहु
सोच समझ कर डालना वोट
नेता आएंगे जाएंगे,
आते थे चले भी गए
उनकी गुलामी करना छोड़ दो।
सिर्फ नारा नहीं चाहिए हमें
सन 47 से कितने नेता
नारा थमा कर चले गए।
लेकिन मुद्दा गरम है
चुनावों में आज तक -
कहते हैं राजनीति में,
हर नेता को सिर्फ कुर्सी से मतलब है।
मतलब परस्त नेता को वोट ना दो
वादे पूरे नहीं हुए तो,
उन्हें कभी वोट मत दो
यही गुजारिश है।
धोखा खाकर दोबारा ना डालना वोट
करके यकीन उन पर
पैसा दारू के बदले ना डालना वोट।
वोट से मुंह मोड़ना भी देश हित में नहीं
वादा जो पूरा करेगा
डाल दो तुम उसको वोट
सोच समझ कर डालना वोट।
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