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रविवार, 10 मार्च 2019

Shayari of Manoj kumar Sahoo

     

        ● शायरी मनोजकुमार साहु की



   ( दर्द )


  दर्द वह नहीं है
  जिससे तुम तड़पते हो
  दर्द वह है
  जिसे सोचने भर से तुम कराहते हो

                  --●--


  ( भूख )


  भूख का मतलब क्या जानोगे तुम अमीरो
  भूख का मतलब उस माँ से पूछो
  जो अपनी कोख में लिए संतान को
  जी तोड़ मेहनत मजदूरी करती है

                 --●--


  ( आँखें )


 तू  लाख इंकार कर पहचानने से
 लेकिन तेरी नादान मासूम आँखें
 कभी भूल नहीं सकती हमें
 आज भी मोहब्बत करती तेरी आँखें हमें

                   --●--


  ( नज़र )


 जब लौटता हूँ
 मैखाने से जाम पीकर
 सब भूल जाता हूँ
 सिवाय तेरी तिरछी नज़र

       --●--


 ( आशिक )


हम भी मशहूर आशिक हैं
लेकिन नहीं हैं किस्से हमारे
लोगों के जवान पर
सारा इल्जाम लगाता हूँ ज़माने पर

               --●--


  ( मशहूर )


 हीर - रांझा, श्री - फरियाद मशहूर हुए
 हम तुम मशहूर हुए नहीं
 क्योंकि मोहब्बत पर इल्जाम,
 या सरकार का कोई पहरा नहीं

               --●--


    ( मरहम - मर हम )


   दिल के टुकड़े टुकड़े करके
  'मरहम' लगाने आए हो
   जिंदा हैं या 'मर हम' गए
   यह देखने, बहाना करके आए हो
               --●--

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     🙏💞

    धन्यवाद पाठको !


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