शायर : मनोज कुमार साहु
( ज़हर )
ज़हर वह नहीं है
जिसे पीकर खुदकुशी की जाती है
बेशक ज़हर वह है
जिससे दिल मर जाता है
( आईना )
सुना है आईना कभी झूठ नहीं बोलता
लाख शुक्रिया खुदा की
क्योंकि आँखों की पुतलियों में
खुदा तूने आईना दे दिया
( होंठ )
होंठ इतने खूबसूरत क्यों हैं पता है ?
माशूक़ को रिझाने के लिए ?
हरगिज़ नहीं
मीठे लब्ज बोलने के लिए ।
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