तू नहीं मिलेगी मैं जानता हूं
फिर भी करता हूं मोहब्बत बहुत तुझसे
तेरे लिए नसीब को बदलना चाहता हूं।
©️ मनोज कुमार साहु
तोहफा
मेरी जिंदगी का आखरी तोहफा हो तुम
बेशकीमती भी हो
तुम्हारे सिवा मुझे कुछ भी नहीं चाहिए
सिर्फ तुम चाहिए।
जज़्बात
तू होती नहीं मेरे पास
तुझसे ढेरों बातें जो करनी है
मेरे दिल के मोहब्बत को
शायरी में बयां करता हूं
तू समझ सके मुझे इसीलिए
मेरे जज्बातों को
कागज पर उकेरता हूं।
©️ मनोज कुमार साहु
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