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गुरुवार, 23 नवंबर 2023

नायाब इश्क

तू इतनी नाजुक नायाब
कच्ची उम्र की है
चाहता तो हूं जकड़ लूं सीने में
मेरे दामन में जो सिलवटें हैं
डरता हूं सिलवटों के दाग कहीं
न लग जाए तुझ में।

  ©️ मनोज कुमार साहु

    इबादत 
तेरी आंखें, तेरे होंठ, तेरी उंगलियों को
छू लेना चाहता हूं मैं
क्या करूं तेरी उम्र
मोहब्बत करने की हुई नहीं
इसीलिए खुद की तरह
तेरी इबादत करता हूं मैं।

  ©️ मनोज कुमार साहु 

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