कच्ची उम्र की है
चाहता तो हूं जकड़ लूं सीने में
मेरे दामन में जो सिलवटें हैं
डरता हूं सिलवटों के दाग कहीं
न लग जाए तुझ में।
©️ मनोज कुमार साहु
इबादत
तेरी आंखें, तेरे होंठ, तेरी उंगलियों को
छू लेना चाहता हूं मैं
क्या करूं तेरी उम्र
मोहब्बत करने की हुई नहीं
इसीलिए खुद की तरह
तेरी इबादत करता हूं मैं।
©️ मनोज कुमार साहु
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