मोहब्बत ए दरिया में
जो हमें रोकेगा
वो कोई भी हो
वो कोई भी हो
वो कोई भी हो
खून के दरिया में
मैं उसे तैराऊंगा
उसमें कितना फौलाद बाकी है
टकरा टकरा कर देखूंगा
शर्त बस इतना है
तेरा हाथ मेरे हाथ में होगा।
©️ मनोज कुमार साहु
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