©️ मनोज कुमार
मजदूर
मजबूत होता है मजबूर नहीं।
बहाता पसीना उगाता सोना
सबका पेट भरता है
मेहनत की रोटी खाता है
मजदूर
मजबूत होता है मजबूर नहीं
मजदूर
मजबूत होता है मजबूर नहीं
तोड़ता है पहाड़, बनाता है महल
झोंपड़ी में रह कर
महल बनाता है
मजदूर
मजबूत होता है मजबूर नहीं।
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