भाषा क्या है ?
भाषा शब्द संस्कृत के 'भाषʼ धातु से बना हुआ है ।इसका अर्थ होता है बोलना । इस प्रकार इस का सामान्य अर्थ है अपने विचारों या भावों को प्रकट करना । भाषा अपने सामान्य अर्थ में विचारों या भावों को आदान प्रदान करने का माध्यम है । हम अपने विचारों या भावों को कई बार संकेतों या इशारों से भी व्यक्त करते हैं । जैसे कोई मूक व्यक्ति या गूंगा व्यक्ति किसी से कुछ बोलता है तो वह इशारों से समझाने की कोशिश करता है। ठीक उसी प्रकार रेल विभाग में हरा और लाल रंग का प्रयोग होता है झंडा या लाइट के रूप में ।
अतः सामान्य अर्थ में भाषा हमारे विचारों के आदान-प्रदान या विचार विनिमय का एक माध्यम है ।
भाषा के संबंध में कुछ प्रमुख विद्वानों ने जो परिभाषाएँ दी हैं वह इस प्रकार हैं -
1 : मनोज कुमार साहु के अनुसार -
मानव मुख से प्रयत्न पूर्वक उच्चरित सार्थक यादृच्छिक ध्वनि प्रतीकों की वह व्यवस्था जिसके द्वारा शत प्रतिशत भाव विनिमय हो जाए उसे भाषा कहते हैं ।
2 : डॉक्टर बाबूराम सक्सेना के अनुसार -
भाषा अभिव्यक्ति का माध्यम है और एक ऐसी शक्ति है, जो मनुष्य के विचारों, अनुभव और सुंदरसंदर्भों को व्यक्त करती है । इसके साथ उन्होंने यह भी कहा है कि जिन ध्वनि चिन्हों द्वारा मनुष्य परस्पर विचार विनिमय करता है । उसकी समष्टि को भी भाषा कहते हैं ।
3 : डॉ भोलानाथ तिवारी के अनुसार -
भाषा उच्चारण अवयवों से उच्चरित मूलतः यादृच्छिक ध्वनि प्रतीकों की वह व्यवस्था है जिसके द्वारा समाज के लोग आपस में विचारों का आदान-प्रदान भी करते हैं ।
इन परिभाषाओं के आधार पर स्पष्ट होता है कि भाषा का कार्य है - मानवीय कार्यों को समझने में सहायता देना । भाषा मानव मुख से निकली हुई सार्थक ध्वनि संकेतों का समष्टि गत रूप है । जिसमें उच्चारण अवयवों का विशेष महत्व है । विवेध संकेतों या हाव भाव को भाषा का पूर्ण रूप नहीं कहा जा सकता है । भाषा तो एक विज्ञान है ।एक सामाजिक क्रिया है । वक्ता और श्रोता के बीच विचार विनिमय का साधन है । इस आधार पर भाषा मानव मुख से निकली हुई सार्थक ध्वनियों का समूह है । केवल भावों या संकेतों को भाषा कहना सही नहीं होगा ।
भाषा की विशेषताएँ -
1 : भाषा विचार संप्रेषण भाव संप्रेषण का माध्यम है ।
2 :भाषा अर्जित संपत्ति है ।
3 : भाषा का रूप परिवर्तन फील होता है ।
4 : भाषा का क्षेत्र व्यापक होता है ।
5 : भाषा परंपरागत रूप से व्यवहृत होती है । इस तरह इसका प्रवाह नैसर्गिक हैं ।
6 : भाषा भौगोलिक रूप से स्थानीकृत होती है ।
7 : भाषा सार्थक ध्वनि संकेतों का सामष्टिगत रूप है ।
9 : भाषा किसी भी देश के जनजीवन व उसकी संस्कृति की पहचान होती है ।
10 : भाषा का अपना संरचनात्मक ढाँचा होता है ।
11 : भाषा जटिलता से स्थूलता की ओर तथा स्थूलता से सूक्ष्मता की ओर जाती है ।
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