आज भी मुझे याद है ( 1 )
कवि मनोजकुमार साहु
आज भी मुझे याद है -
एक एक लफ़्ज़,
महसूस कर रहा हूँ
तलफ्फुज़ तुम्हारी ।
जिसे सुनकर ,
तार - तार होता था
मेरा मन।
मैं हो उठता था व्याकुल ।
तब तुम्हीं ने तो
संभाला था मुझे ;
अपने बाहों में जकड़ कर।
दुनियादारी समझाई थी तब ।
कैसे भूल सकता हूँ
तुम्हें और वह स्वर्णिम पल ?
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